पेट कि चर्बी कम करेंगी ये महत्वपुर्ण टीप्स
- Ayushman Bhava Ayurveda
- Aug 17, 2018
- 4 min read
पेट कि चर्बी कम करेंगी ये महत्वपुर्ण टीप्स

पेट कि चर्बी बढना केवल सौंदर्य के लिए हानिकारक नही है बल्की ये स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदेह है। आज कल की फास्ट जीवनपद्धती, फास्ट फुड का अधिक सेवन और व्यायाम का अभाव और ऎसी अन्य बहोत सी वजह से पेट के क्षेत्र मे चर्बी जमा होना आज कल सामान्य हो गया है। बढी हुइ Belly fat महिलाओ मे बॉडी फिगर और सौंदर्य को कम करणे मे अग्रणी है। शरीर मे जमा अतिरिक्त चर्बी शरीर मे कोलेस्टेरॉल, रक्तचाप को भी बढाकर शरीर मे रोगो के लिए स्थान निर्मान करती है।
यहा लिखी गई अनुभुत आयुर्वेदिक टीप्स पेट पर चर्बी जमा नही होणे देती और बढी हुई चर्बी को कम करती है जिससे शरीर सुडौल व आकर्षक बना रहणे मे मदद होती है |

१. जंक फुड/ फास्ट फुड को कहे बाय बाय-
अगर आप पेट की चर्बी कम करने के लिए गंभीर हैं तो जंकफूड/फास्ट फुड से दूरी बनाए रखें क्योंकि जंकफूड तेजी से वजन बढ़ाने का काम करता है। कोशिश करें कम तेल मसाले वाली चीजों का सेवन ही करें। ऎसे पदार्थो मे मौजुद प्रीसर्वेटीव्स के कारण शरीर क मेटाबोलिजम खराब होकर अतिरीक्त चर्बी बढना शुरु होता है। कभी-कभी स्टीम सब्जियों का सेवन भी फायदेमंद साबित हो सकता है। सामान्य आटे के बजाय जौ और चने के आटे को मिलाकर चपाती खाना चाहिए। आटे व मैदे की चीजो से एवं Fermented खाने से (इडली/ डोसा/ उत्तपा) दुरी बनाये रखे।

२.धीरे धीरे खाये खाना-
मस्तिष्क मे उपस्थित Satiety center तक खाना पुरा होने की संवेदना पहुचने मे २५ से ३५ मिनट लगते है, शीघ्र गती से खाने की आदत से मस्तिष्क मे उपस्थित Satiety center तक जल्दी संवेदना न पोहोचने के कारण अधिक मात्रा मे आहार का सेवन हो जाता है जो पाचक स्रावो मे ठीक से घुल नही पाता व पचने मे वक्त लेता है और शरीर मे चर्बी मे रुपांतरीत होता है, धीरे धीरे खाया हुआ खाना लालास्राव व अन्य पाचक रसो मे अच्छे घुल जाने से सहज पचता है व शरीर मे चर्बी मे रुपांतरीत नही होता।

३. दिन मे सोना और देर रात जगना छोडे-
दिन मे सोने की वजह से शरीर मे कफ दोष बढता है जो पचन क्रिया एवं मेटाबोलिजम को कम कर देता है, जो मेद के उत्पती के लिए मुख्य कारण है। रात मे देर से सोने की आदत जीन लोगो को होती है उन के शरीर मे पचन क्रिया कम होने के साथ कुछ ऎसे हार्मोन्स बढ जाते है जो चर्बी निर्माण मे मुख्य कारण होते है। इस कारण दिन मे सोना और देर रात जगना ये दोनो आदते छोडनी चाहीये।

४.व्यायाम/ योगा/ एरोबिक व्यायाम-
शरीर के चर्बी को पीघलाने के लिए योग्य मात्रा मे व्यायाम की अत्यंत आवश्यकता है, बिना व्यायाम के शरीर की चर्बी कम होना लगभग असंभव है। इसके लिए रोज ४५ से ६० मिनट तक योग्य व्यायाम/ योगा या एरोबिक व्यायाम पद्धती का अवलंब करे। रनींग, जॉगिंग, सायकल, झुंबा डान्स, स्विमिंग ऎसी अन्य एरोबिक व्यायाम का भी कॅलरी व चर्बी जलाने मे फायदा होता है। योगा करते वक्त पेट की चर्बी कम होने के लिए स्पेसिफिक योगासन करना न भुलिए। रोजाना सूर्य नमस्कार की सभी क्रियाएं, सर्वागासन, भुजंगासन, वज्रासन, पदमासन, शलभासन करना लाभदायक हो सकता है।

५.योग्य समय पर खाने का किजीये सेवन-
असमय खाना खाने के वजह से उसका पचन योग्य नही होता और वो शरीर मे अर्ध पचीत आम को उत्पन्न करता है, जो पॆट की और अन्य बिमारीयो को पैदा तो करता ही है साथ मै चयापचय क्रिया मंद करके चर्बी का निर्मान बढाता है। इस वजह से खाना आयुर्वेदिक पित्त दोष के समय मे ही खाये, जो की सुबह १० से १ बजे तक और शाम को ७ बजे से पहले होता है। इस समय जाठराग्नी तीव्र रहती है, जो खाये हुए अन्न को अच्छे से पचाती है। सुबह जादा देर तक भुके न रहे, योग्य समय पर नाश्ता भी पाचन शक्ती को ठीक रखता है।
६. रात का खाना कम रखिये-
रात का खाना ७ बजे से पहले और कम मात्रा मे होना चाहिये जो आसानी से पाचन हो सके। खाना खाने के बाद तुरंत न सोये, ऎसा करने से अन्न का योग्य पचन नही होता। डिनर और सोने के वक्त मे कमसे कम ३ घंटो का अंतर होना जरुरी है।

७. चीनी और मीठी चीजे करे वर्जीत-
चीनी और मीठी चीजो मे सबसे जादा कॅलरी मौजुद होती है, इसके जादा मात्रा मे सेवन करणे से इसमे मौजुद कार्बोहायड्रेड्स का फॅट्स मे रुपांतर होता है और ऎसी बढी हुई फॅट्स पेट व नितंब प्रदेश मे जमा होने लगती है। इस कारण मीठाईया, केक, चॉकलेट, आइसक्रीम, कोल्ड्रींक्स, आलु इन सबका सेवन वर्ज करना चाहिये।

८.लहसुन का करे सेवन-
लहसुन उत्कृष्ट लेखन द्रव्य है जो अतिरीक्त चर्बी व बॅड कोलेस्टेरॉल को कम करता है। सुबह मे ४ से ५ लहसुन की कली खाने से फायदा दीखना शुरु होता है, शुरु मे इसकी तीव्र गंध के कारण इसके सेवन मे दिक्कत आ सकती है लेकीन कुछ दिनो के अभ्यास से ये एक आम बात हो जाती है।
९.फल और सब्जीयो का करे जादा इस्तेमाल-
फलो और सब्जीयो मे बॅड कॅलरी कम होती है इस वजह से इनका खाने मे जादा इस्तेमाल करे। इनमे मौजुद डायटरी फायबर्स शरीर मे मौजुद चर्बी कम करणे व पचन प्रक्रिया सुयोग्य रखने मे मदद करते है।
१०. अल्कोहोल की आदत छोडे-
अगर आप रोज अल्कोहोल का सेवन कर रहे हो तो आप शरीर मे चर्बी एवं कोलेस्टेरॉल को बढने के लिए न्योता दे रहे हो। अल्कोहोल पिने की आदत लीवर एवं पचन संस्था के लिए सबसे जादा हानिकारक है।

११. तेल व वनस्पती घी का प्रयोग कम करे-
आहार मे वनस्पती घी बिलकुल भी न इस्तेमाल करे, इससे दुर रहना ही स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। शुद्ध देसी गाय के घी के अलावा दुसरा कोई भी घी न खाये, खाना बनाने मे सब तेल वर्जीत कर के सीर्फ सुर्यफुल तेल का इस्तेमाल करे।

留言